कौन हो तुम......??? सत्य, मिथ्या या तथ्य..... कौन हो तुम.....??? ज्ञान, अज्ञान या भ्रम..... कौन हो तुम.... की जिसने इंसानों को रचा है, या वो जो रचा गया है विचारो से । कौन हो तुम.... जो कण कण में है, या वो जो भय में है। कौन हो तुम..... मेरी समझ से बाहर हो, या हो सबकी समझ से परे। कौन हो तुम....??? में रोज निकलता हूं, दूर जाने को तुमसे पर पता नहीं चलते चलते जब थक जाता हूं, लगता है तुम बुला रहे हो, वहीं उस वक्त, मुझे छाव बनकर। पर जब पूछता हूं तुमसे कि कौन हो तुम.... तुम क्यों नहीं बताते सामने आकर सबको, जो पूजते है तुम्हे हर तरह से, कि कौन हो तुम.....??? सत्य, मिथ्या या तथ्य कौन हो तुम.....??? ज्ञान, अज्ञान या भ्रम
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